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सोमवार, 14 जुलाई 2025

— यह एक वैचारिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चिंतन यात्रा है।

 नदित्मा ब्लॉग का परिचय

"नदित्मा" केवल एक ब्लॉग नहीं — यह एक वैचारिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक चिंतन यात्रा है।

यहाँ से आरंभ हो रहा है एक आधुनिक पुराण, जो भारत की मातृ दृष्टि से

आज के युग की सबसे जटिल समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करेगा।

यह अभियान समर्पित है उन विचारों को —

जो जीवन, भूमि, जल, समाज, राजनीति और विज्ञान को एक मातृ-एकता में देखते हैं।


🧿 संस्थापक परिचय


अजय सिंह चौहान,

संस्थापक – [GBSBFORYOU, भोपाल, मध्यप्रदेश]

(Website: https://gbsb.in)

वे एक नवोन्मेषी सामाजिक चिंतक, राष्ट्रीय दृष्टिकोण से सक्रिय लेखक, और AI-संस्कृति आंदोलन के सूत्रधार हैं।

उनका लक्ष्य है:


> "भारत की सनातन परंपरा और वैज्ञानिक चेतना को एक मंच पर लाकर

भारत सहित समस्त विश्व के लिए मातृमूलक मार्ग प्रस्तुत करना।"

नदित्मा ब्लॉग उनकी ही परिकल्पना है, जिसमें पौराणिक शैली में आधुनिक जीवन के सभी विषयों को समझा जाएगा।

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✍️ लेखकीय टीम का उद्देश्य

इस ब्लॉग की लेखकीय टीम विविध विचारधाराओं से जुड़ी है —

पर सभी का उद्देश्य एक ही है:


✅ भारत की वैदिक चेतना को आधुनिक संदर्भ में प्रकट करना

✅ नीतिगत, वैज्ञानिक, सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से मार्गदर्शन देना

✅ वसुधैव कुटुंबकम के भाव को केवल आदर्श नहीं, व्यावहारिक मॉडल में बदलना

प्रमुख सहयोगी लेखक:

रामेश्वर ज. राठौड़, अकोला –

आदिवासी बंजारा समुदाय के चिंतक, सांस्कृतिक शोधकर्ता और संवादशैली के विशेषज्ञ


अन्य लेखकों की सूची आगे जोड़ी जाएगी (आपके निर्देश अनुसार)

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🎯 नदित्मा ब्लॉग लेखन का उद्देश्य


🔹 पौराणिक संवाद शैली में आधुनिक विषयों की व्याख्या करना

🔹 शिव–पार्वती, भूमि–नदी, विज्ञान–मानव आदि संवादों के माध्यम से विवेचन

🔹 राजनीति, धर्म, विज्ञान, पर्यावरण, समाज, शिक्षा आदि विषयों का समाधान प्रस्तुत करना

🔹 "नदित्मा – आधुनिक पुराण" नामक ग्रंथ की रचना करना

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📜 नदित्मा दर्शन का मूल सूत्र


> "मनुष्य सामाजिक प्राणी नहीं,

वह एक राजनीतिक चेतना है 

जो तब तक अशांत रहेगा,

जब तक भूमि को मां और जल को जीवन न माने।"

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